आगरा की शैली में निपटें ठंड से
बृज खंडेलवाल
पूरे उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड
से ताज नगरी आगरा भी अछूती नहीं है लेकिन शहर के हलवाइयों के पास इस सर्दी का भी
इलाज है।
शहर में मिठाई की दुकानों के मालिकों का कहना है कि इस सर्दी से बचने के लिए शुद्ध घी के पकवानों से बेहतर कोई उपाय नहीं है।
आगरा में ढाई सौ सालों से भगत हलवाई शॉप नाम से मिठाईयों की दुकान चला रहे शिशिर भगत ने आईएएनएस को बताया, "बृज मंडल (भगवान कृष्ण की जन्म भूमि) की पुरानी मान्यता है कि शरद ऋतु अच्छे खान पान से सेहत बनाने का मौसम है।"
उन्होंने बताया कि यही वह समय है जब लोग बेफिक्र होकर तेल-मसाले वाले भोजन का लुत्फ उठाते हैं। घी में बने पकवानों और लड्डओं के बाद केसर और सूखे मेवे वाला दूध भी शौक से पिया जाता है।
गोवर्धन होटल के मालिक सुरेंद्र शर्मा ठंड को लानत भेजते हुए कहते हैं, "पिस्ता और काजू की बर्फी, तिल के लड्ड, गाजर का हलवा खाने के बाद मघई या जर्दा और कीमम वाला बनारसी पान खाना चाहिए।"
वृंदावन के आचार्य जैमिनी के मुताबिक दाल बाटी चूरमा, साग के साथ मक्के या बाजरे की रोटी इस समय लोगों का मनपसंद भोजन होता है।
कुंज बिहारी शर्मा बताते हैं, "गाढ़ी मलाई वाले केसर मिले गर्म दूध की वृंदावन और मथुरा के विश्राम घाट में बड़ी मांग है।"
शहर में हर गली-नुक्कड़ पर चाय की दुकानों में अदरक वाली चाय की मांग होती है। मधुकर चतुर्वेदी जो एक मंदिर के पुजारी हैं, कहते हैं कि गर्म मूंगफली और गुड़ चिक्की आम आदमी की पसंद है। आगरा की सुप्रसिद्ध गुड़ वाली मिठाई गजक पौष्टिक होने के साथ साथ ठंड से भी बचाती है।
गृहिणी सीमा गुप्ता कहती हैं कि जाड़े में हरी सब्जियों की भरपूर मात्रा और सस्ती कीमत भोजन में विविधता बढ़ाती है। हरी सब्जियां वैसे भी स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं।
आगरा की सूखे मेवे वाली प्रसिद्ध आलू टिक्की और भल्ला ताजमहल देखने और आगरा घूमने आए पर्यटकों की मनपसंद है।
खाने के शौकीन एक शहरी सुधीर गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "चिकन और बिरयानी की छोटी दुकानें अब हर जगह नजर आ जाती हैं। ऐसा पहले नहीं था क्योंकि आगरा मूलत: शाकाहारियों का शहर है। अब तो दक्षिण भारतीय खाने और चाइनीज सहित हर तरह के खाने का विकल्प मौजूद है।"
पारम्परिक जलेबी-कचौड़ी, लड्ड और आगरा के प्रसिद्ध पेठे सहित शहर में पिज्जा, बगर्र भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं।
शहर में मिठाई की दुकानों के मालिकों का कहना है कि इस सर्दी से बचने के लिए शुद्ध घी के पकवानों से बेहतर कोई उपाय नहीं है।
आगरा में ढाई सौ सालों से भगत हलवाई शॉप नाम से मिठाईयों की दुकान चला रहे शिशिर भगत ने आईएएनएस को बताया, "बृज मंडल (भगवान कृष्ण की जन्म भूमि) की पुरानी मान्यता है कि शरद ऋतु अच्छे खान पान से सेहत बनाने का मौसम है।"
उन्होंने बताया कि यही वह समय है जब लोग बेफिक्र होकर तेल-मसाले वाले भोजन का लुत्फ उठाते हैं। घी में बने पकवानों और लड्डओं के बाद केसर और सूखे मेवे वाला दूध भी शौक से पिया जाता है।
गोवर्धन होटल के मालिक सुरेंद्र शर्मा ठंड को लानत भेजते हुए कहते हैं, "पिस्ता और काजू की बर्फी, तिल के लड्ड, गाजर का हलवा खाने के बाद मघई या जर्दा और कीमम वाला बनारसी पान खाना चाहिए।"
वृंदावन के आचार्य जैमिनी के मुताबिक दाल बाटी चूरमा, साग के साथ मक्के या बाजरे की रोटी इस समय लोगों का मनपसंद भोजन होता है।
कुंज बिहारी शर्मा बताते हैं, "गाढ़ी मलाई वाले केसर मिले गर्म दूध की वृंदावन और मथुरा के विश्राम घाट में बड़ी मांग है।"
शहर में हर गली-नुक्कड़ पर चाय की दुकानों में अदरक वाली चाय की मांग होती है। मधुकर चतुर्वेदी जो एक मंदिर के पुजारी हैं, कहते हैं कि गर्म मूंगफली और गुड़ चिक्की आम आदमी की पसंद है। आगरा की सुप्रसिद्ध गुड़ वाली मिठाई गजक पौष्टिक होने के साथ साथ ठंड से भी बचाती है।
गृहिणी सीमा गुप्ता कहती हैं कि जाड़े में हरी सब्जियों की भरपूर मात्रा और सस्ती कीमत भोजन में विविधता बढ़ाती है। हरी सब्जियां वैसे भी स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं।
आगरा की सूखे मेवे वाली प्रसिद्ध आलू टिक्की और भल्ला ताजमहल देखने और आगरा घूमने आए पर्यटकों की मनपसंद है।
खाने के शौकीन एक शहरी सुधीर गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "चिकन और बिरयानी की छोटी दुकानें अब हर जगह नजर आ जाती हैं। ऐसा पहले नहीं था क्योंकि आगरा मूलत: शाकाहारियों का शहर है। अब तो दक्षिण भारतीय खाने और चाइनीज सहित हर तरह के खाने का विकल्प मौजूद है।"
पारम्परिक जलेबी-कचौड़ी, लड्ड और आगरा के प्रसिद्ध पेठे सहित शहर में पिज्जा, बगर्र भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं।
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